गोरक्षासन/ Gorakhshasana
गोरक्षासन के फायदे
1. इस योगासन की मदद से रीढ़ की हड्डी के दर्द में आराम मिलता है।
2. इसके अभ्यास से भोजन को अच्छी तरह से पचाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलती है।
3. इससे आपकी पैर और जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती है।
4. इससे पेट में कब्ज और गैस के कारण होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है।
5. महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में काफी आराम मिलता है।
6. इससे पुरुषों में शुक्राणुओं की क्षमता बढ़ती है।
7. इससे आपको मानसिक शांति और फोकस करने में मदद मिलती है।
गोरक्षासन करने का तरीका
1. इस योगासन को करने के लिए योग मैट पर बैठ जाएं
2. सबसे पहले सांस लेते हुए दोनों घुटनों को मोड़ें और तलवों को पास ले आएं।
3. अब दोनों पैरों के पंजों पर इस प्रकार बैठें कि शरीर के वजन एड़ियों के बीच आए।
4. अब वापस सांस भरते हुए दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें।
5. अंत में सांस रोककर ठुड्डी को छाती के पास ले आएं।
6. कुछ समय बाद आराम से सांस लेते हुए वापस सामान्य स्थिति में लौट आएं।
7. योग करते वक्त घुटने, एड़ी और जांघों पर बहुत अधिक दबाव न बनाएं।
8. इस अभ्यास को आप 30-40 सेकेंड कर सकते हैं।
गोरक्षासन करने के टिप्स
1. गोरक्षासन करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास करें।
2. असुविधा होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
3. कभी भी कंधे या घुटनों पर अत्यधिक दबाव न डालें।
4. हमेशा योगासन करने से पहले वॉर्मअप जरूर करें। इससे कोर मसल्स एक्टिव रहते हैं।
5. धीरे-धीरे इस आसन को करने के बाद प्रारंभिक मुद्रा में वापस आएं।
सावधानियां
1. घुटनों का दर्द या गठिया की समस्या होने पर इस योगासन को न करें।
2. एड़ी या पैरों की उंगलियों में दर्द होने पर इस अभ्यास को नहीं करना चाहिए।
3. आंत के रोगों और पेट की समस्या में भी गोरक्षासन योग करने के प्रयास न करें।
4. रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर इसे न करें।
5. इसके अलावा कंधे या गर्दन में दर्द होने पर इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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