Google Doodle Bhupen Hazarika| जानिए कौन थे डॉ भूपेन हज़ारिका
भूपेन हजारिका ने अपने गीतों से भारतीय संगीत की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान दिया है. भूपेन हजारिका अपने विलक्षण प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार इतना ही नहीं बल्कि अपनी मूल भाषा असमिया के कवि, फिल्म निर्माता तथा लेखक के रूप में भी जाने जाते है. भूपेन हजारिका ने समाज के कई गंभीर मुद्दों पर अपनी फिल्मों और संगीत के माध्यम से उजाला डाला. वे अपने हाथों से संगीत की रचना करते थे और गायन करते थे. इसीलिए भूपेन हजारिका को कलम और आवाज़ के जादूगर माना जाता है. भूपेन जी ने महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन “वैष्णव जन” का भी गान किया है
भूपेन हजारिका |
.भूपेन हजारिका का जीवन परिचय | Bhupen Hazarika Biography
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) |
प्रसिद्ध नाम (Other Name) | Xudha Kontho (শুদ্ধা কণ্ঠ) |
जन्म (Date of Birth) | 8 सितंबर 1926 |
आयु | 85 वर्ष |
जन्म स्थान (Birth Place) | तिनसुकिया, असम |
पिता का नाम (Father Name) | नीलकांत हजारिका |
माता का नाम (Mother Name) | शांतिप्रिया हजारिका |
पत्नी का नाम (Wife Name) | प्रियंवदा पटेल |
पेशा (Occupation ) | संगीतकार, कवि, लेखक, गायक |
बच्चे (Children) | 1 |
मृत्यु (Death) | 5 नवम्बर 2011 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | मुंबई, महाराष्ट्र |
अवार्ड (Award) | भारत रत्न |
जन्म और प्रारंभिक जीवन (Birth & Early Life)
भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के तिनसुकिया जिले की सदिया में हुआ था. उनके पिताजी का नाम नीलकांत तथा माताजी का नाम शांतिप्रिया था. वे बचपन से ही संगीत प्रेमी थे. उनके रोम-रोम में संगीत बसा हुआ था. उनका संगीत के प्रति लगाव अपनी माता के कारण हुआ, जिन्होंने उन्हें पारंपरिक असमिया संगीत की शिक्षा जन्म घुट्टी के रूप में दी| हजारिका 10 भाई–बहनों में सबसे बड़े थे।अपनी मां को देखकर उन्हें गाने की प्रेरणा मिली थी। भूपेन का बचपन गुवाहाटी में बीता।10 साल की उम्र में वो असमिया भाषा में गाने गाते थे।फिल्म मेकर ज्योतिप्रसाद अग्रवाल ने उनकी आवाज सुनी और उन्हें वो बहुत पसंद आए।साल 1936 में कोलकाता में भूपेन ने अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था।हजारिका ने ज्योतिप्रसाद की फिल्म ‘इंद्रमालती‘ में दो गाने गाए थे।मात्र 13 साल की उम्र में हजारिका ने अपना पहला गाना लिखा था।यहीं से उनके सिंगर, कंपोजर और लिरिसिस्ट बनने का सफर शुरू हो गया था।
Bhupen Hajarika |
भूपेन हजारिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुवाहाटी से पूरी की. इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. 1949 में उन्हें स्कॉलरशिप पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए भेजा गया. जहां उनकी मुलाकात प्रियंवदा पटेल से हुई| जिसके बाद दोनों ने 1950 में शादी कर ली.
1952 में उनका बेटा तेज हजारिका हुआ।1953 में हजारिका अपने परिवार के साथ भारत लौट आए लेकिन दोनों ज्यादा समय तक साथ नहीं रह पाए।भारत आकर हजारिका ने गुवाहाटी यूनिवसिर्टी में टीचर की जॉब की।बहुत समय तक वो टीचर की नौकरी नहीं कर पाए और रिजाइन दे दिया।
पैसों की तंगी की वजह से उनकी पत्नी प्रियम्वदा ने उन्हें छोड़ दिया।इसके बाद हजारिका ने म्यूजिक को ही अपना साथी बना लिया। उन्होंने ‘रुदाली‘, ‘मिल गई मंजिल मुझे‘, ‘साज‘, ‘दरमियां‘, ‘गजगामिनी‘, ‘दमन‘ और ‘क्यों‘ जैसी सुपरहिट फिल्मों में गीत दिए।हजारिका ने अपने जीवन में एक हजार गाने और 15 किताबें लिखीं।इसके अलावा उन्होंने स्टार टीवी पर आने वाले सीरियल ‘डॉन‘ को प्रोड्यूस भी किया था।
म्यूजिक के क्षेत्र में उनके अद्भुत योगदान के लिए उन्हें 1975 में राष्ट्रीय पुरस्कार और 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया।इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और इसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।उनके यादगार गानों में ‘दिल हूं हूं‘ और ‘जूठी मूठी मितवा‘ है।
जीवन सफ़र (Life Journey)
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढाई के दौरान उन्होंने फ़िल्मों के बारे में पढ़ा और सीखा| यहीं इनकी मुलाक़ात फिल्म निर्माता रॉबर्ट स्टेंस और रॉबर्ट जोसेफ़ फ्लैहर्टी से हुई. बाद में भूपेन हजारिका को शिकागो विश्वविद्यालय से फ़ेलोशिप भी मिली और उन्होंने लोकसंगीत का अध्ययन जारी रखा| अमेरिका के नीग्रो गायक पॉल रॉबसन के साथ गाना सीखने जाने पर भूपेन हजारिका को सात दिन की जेल हो गई थी| दरअसल, पॉल रॉबसन अश्वेतों के अधिकारों पर लड़ने वाले एक्टिविस्ट थे| भूपेन पर इस शख्स का इतना ज़बरदस्त प्रभाव था कि उनके गीत ‘ओल्ड रिवर मैन’ पर 1964 में उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी को अर्पण करते हुए ‘मनुहे मनुहर बाबे’ की रचना की|
दोनों की ही रचना में सर्वहारा ही मुख्य किरदार है जो उस वक़्त की प्रबल विचारधारा थी| अपनी मूल भाषा असमी के अलावा भूपेन हज़ारिका ने हिंदी, बंगाली समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गायन करके लोकप्रियता प्राप्त की| भूपेन हजारिका का साहित्यिक रूप उनके संगीत में अलग ही मिठास लाता है. हिंदी फ़िल्मों में उनका सफ़र 1974 से शुरू हुआ था| भूपेन हजारिका ने 5 नवंबर 2011 को अपनी अंतिम सांस ली|
भूपेन हजारिका के सम्मान और पुरस्कार (Honours and Awards)
भूपेन हजारिका को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है.
· भूपेन हजारिका को 1975 में सर्वोत्कृष्ट क्षेत्रीय फिल्म के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया|
· 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया|
· 2009 में असोम रत्न और इसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से नवाज़ा गया|
· 2011 में पद्म भूषण इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया|
· 2011 में बांग्लादेश सरकार ने उन्हें मुक्ति योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया गया|
· 2019 में इन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की गई|
भूपेन हजारिका के कुछ प्रसिद्ध गीत
- असोम अमार रूपाहि
- ऑटोरिक्शा चलाओ
- बिश्टिर्ना पाड़रे
- दिल हूम् हूम् करे (हिन्दी फिल्म रुदाली (१९९३ फिल्म) के लिए)
- गजगामिनी (शीर्क गीत)
- गंगा
- बिस्तीर्ण दुपारे
- आमि एक यायाबर
- मानुष मानुषेर जन्ये
- प्रतिध्बनि शुनि
- सागर संगमे
- आज जीबन खुँजे पाबि
- मानुहे manuhar babe jodihe okono nabhabe
- मोइ एटि जजबार
- ओ विदेशी बंधु दुर्भगिया
- Saisabate Dhemalite
- समय ओ धीरे चलो (हिन्दी फिल्म रुदाली (१९९३ फिल्म) के लिए)
- समोयार अग्रगति
- Sira jugamiya dhou tuli
भूपेन हजारिका के कुछ प्रसिद्ध फ़िल्में
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- १९३९—इन्दुमालती
- १९४८—सिराज
- १९५५—पिओलि फुकान
- १९५६—एरा बातोर सुर
- १९५८—माहुत बन्धु रे
- १९६१—शकुन्तला सुर
- १९६४—प्रतिध्बनि
- १९६४—का स्बरिति
- १९६६—लाटि-घाटि
- १९६९—चिक मिक बिजुलि
- १९७३—तितास एकटि नदीर नाम
- १९७३—आरोप
- १९७४—फर हुम द्य सान शाइनस
- १९७५—चामेलि मेमसाहेब
- १९७६—रूप कोँय़ार ज्योतिप्रसाद आरु जय़मती
- १९७६—मेरा धरम मेरि मा
- १९७७—थ्रु मेलॉडी ऐण्ड रिदम
- १९७७—सीमाना पेरिय़े
- १९७९—मन-प्रजापति
- १९७९—देबदास
- १९८२—अपरूपा
- १९८६—स्बीकारोक्ति
- १९८६—एक पल
- १९८८—सिराज
- १९९३—रुदाली
- १९९३—प्रतिमूर्ति
- १९९७—दो राहेँ
- १९९७—दर्मिय़ाँ: इन बिटुइन
- १९९८—साज
- २०००—गजगामिनी
- २००१—दमन: आ भिक्टिम अफ मेट्रिय़ाल भाय़ोलेन्स
- २००३—किउँ?
- २००६—चिंगारि
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